आम बचत में एमएसएमई सेक्टर स्टार्टअप टेक्सटाइल इलेक्ट्रॉनिक चमड़ा एवं फुटवियर खाद या प्रसंकरण हस्त शिल्प और खिलौना निर्माण पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र को कई रियायत दी गई है किस में कितने रोजगार की उम्मीद है। अब मिलेंगे नए मौके 8 सेक्टर में ही 3 करोड़ रोजगार एमएसएमई स्टार्टअप गिग इकोनामी में सबसे अधिक रोजगार निकलेंगे।
50 लाख रोजगार एमएसएमई स्टार्टअपक्रेडिट गारंटी 25 से 10 करोड रुपए होने टर्न ओवर दुगना होने से एमएसएमई के जरिए 7 करोड लोग रोजगार में हैं। एमएसएमई की मैन्युफैक्चरिंग में 36% और एक्सपोर्ट में 45% हिस्सेदारी है। क्रेडिट गारंटी कर बढ़ने से 5 साल में 1 लाख करोड रुपए अतिरिक्त कर्ज उपलब्ध होगा इससे मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट दोनों बढ़ेंगे।
50 लाख टूरिज्म हॉस्पिटैलिटीअलग-अलग राज्यों में 50 पर्यटन स्थल विकसित किए जाएंगे। होम स्टे और छोटे होटल व्यवस्थाओं को भी मुद्रा लोन मिलेगा। इससे 50 लाख रोजगार के मौके खुलेंगे। पर्यटन स्थल विकसित होने से गाइड से लेकर होटल रिसारट अन्य सामान बेचने वाली दुकानों में स्टॉप की जरूरत होती है। स्थानीय शिल्प को भी बढ़ावा मिलेगा। एक एयरपोर्ट के अनुसार एक पर्यटन क्षेत्र में हर 10 लख रुपए के निवेश पर रोजगार के 80 नए अवसर पैदा होते हैं। भारत के पर्यटन स्थल पर 2033 तक 5.82 करोड़ नौकरियां पैदा होने के अनुमान हैं।
स्वास्थ्य सेवाओं में 1 लाख रोजगारअगले साल मेडिकल कॉलेज में 10000 सिम बढ़ाने का ऐलान किया गया है। 5 सालों में कुल 75000 सिम बढ़ेगी इससे डॉक्टर नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ के रूप में प्रत्यक्ष नौकरियां मिलेंगी। शिक्षकों प्रशासनिक व और सहायक कर्मचारी का स्टाफ भी बढ़ेगा। फार्मास्यूटिकल मेडिकल डिवाइस व हेल्थ केयर उद्योगों का विकास होगा डायग्नोस्टिक लैब दिल्ली मेडिसिन सेवाओं का विस्तार होगा। सरकार ने 2023 और 24 में 60 नए मेडिकल कॉलेज खोलने की मंजूरी दी ऐसे में करीब एक नए रोजगार पैदा होंगे।
चमड़ा फुटवियर में 22 लाख रोजगार
बजट में फुटवियर और चमड़ा क्षेत्र के लिए केंद्रित योजना की घोषणा की गई है। इससे चमड़ा प्रसंकरण डिजाइनिंग और निर्माण क्षेत्र में नई नौकरियां बनेगी। करीब 4 लाख करोड रुपए में से अधिक आकर्षित करने 1 लाख एक लाख करोड़ का निर्यात करने और 22 लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है। देश के चमड़ा उद्योग में 45 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिला हुआ है इसमें 30% हिस्सेदारी महिलाओं की है।
5 साल में एक करोड़ की वर्करबचत में जिग वर्कर्स को प्रोत्साहित करने के लिए प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत स्वास्थ्य बीमा देने की घोषणा की है। इससे एक करोड़ जिग वर्कर्स को औपचारिक पहचान मिलेगी। उन्हें सामाजिक सुरक्षा प्राप्त होगी। ओला, उबर, जोमैटो, स्विग्गी, जैसे प्लेटफार्म पर अधिक रोजगार के मौके खुलेंगे। नीति आयोग के रिपोर्ट में 2029 - 30 तक इनकी संख्या दुगनी बढ़कर 2.35 करोड़ होने की बात की गई है। यानी 5 साल में एक करोड़ जिग वर्कर्स और जुड़ेंगे। कुल संख्या देश की कुल वर्क फोर्स की 4.1% होगी। गिग इकोनामी का जीडीपी में योगदान बढ़कर 1.25% हो जाएगा।
ग्रामीण कौशल विकास में 50 लाखगांव से पलायन रोकने और जीवन स्तर सुधारने के लिए तकनीक और स्किल के जरिए ग्रामीण बेरोजगारी कम करने की बात की गई है। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में निवेश बढ़ाया जाएगा। डिजिटल साक्षरता हस्तशिल्प और कृषि आधारित उद्योगों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। निर्माण लव उद्योगों और सेवा क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इन सबसे 50 लाख नए रोजगार अवसरों का निर्माण होने की संभावना है।
शहर में कारोबार के 10 लाख मौकेअसंगठित क्षेत्र के आर्थिक सुधार के लिए पीएम सम्मान निधि योजना का विस्तार होगा। 68 लाख स्ट्रीट वेंडर्स को सहायता मिली है। लक्ष्य इनकी संख्या 1 करोड़ तक पहुंचना है। इसमें 10 हजार से 50 लाख तक लोन दिया जाएगा। इससे 10 लाख से अधिक नए स्ट्रीट वेंडर्स को व्यापार का मौका मिलेगा। इन्हें अधिक कर्ज और ₹30000 की सीमा के साथ यूपीआई लिंक्ड कार्ड क्रेडिट कार्ड की सुविधा मिलेगी।
टॉय इंडस्ट्री में 22 लाख रोजगारदुनिया के सबसे बड़े खिलौने उत्पादक चीन से टक्कर के लिए नेशनल एक्शन प्लान घोषित किया गया है। लक्ष्य देश को वैश्विक खिलौना केंद्र बनाने का है इसके लिए देश में क्लस्टर स्किल और मैन्युफैक्चरिंग का ईको सिस्टम बनाया जाएगा। नई-नई पहल से देश में 22 लाख नए रोजगार का रास्ता खुलेगा खिलौना एक्सपोर्ट बढ़कर 1.1 लाख करोड़ पहुंचने की उम्मीद है। इससे अर्थव्यवस्था में 400 करोड रुपए का राजस्व मिलेगा।