बजट घोषणाओं का असर म्युचुअल फंड्स के प्रदर्शन पर भी होगा। थेमेटिक फंड्स के रिटर्न पढ़ेंगे क्योंकि कुछ सेक्टरों को फायदा नहीं होने वाला है जाने किन फंड्स का रिटर्न बढ़ सकता है।
इंफ्रास्ट्रक्चर फंड्सबचत में बुनियादी ढांचे के विकास पर फोकस है। वित्त वर्ष 2025 - 26 में 10.18 लाख करोड़ की पूंजीगत खर्च से सड़क रेल व अन्य इंफ्रा प्रोजेक्ट में निवेश बढ़ेगा। इस सेक्टर की कंपनियों की कमाई बढ़ेगी। इसका लाभ इंफ्रा फंड्स के रिटर्न में दिखेगा।
बैंकिंग फाइनेंशियल फंड्सबचत में टैक्स छूट और टीडीएस के नियमों में बदलाव से मध्यम वर्ग की खर्च योग्य आमदनी बढ़ेगी। खपत में बढ़ने से बैंक फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनियों के लिए लोन डिमांड बढ़ेगी। इसके अलावा बैंकिंग सेक्टर को देश में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट का भी लाभ मिलेगा।
कंजम्प्शन फंड्सबचत का पूरा जोर आम आदमी के हाथ में पैसा देखकर खपत बढ़ने का है। ऐसे में कंजम्प्शन फंड में निवेश की संभावना है। इसमें फंड मैनेजर रोजमर्रा की चीजों से जुड़ी कंपनियों में निवेश करते हैं। इसमें भोजन पर पदार्थ घरेलू उत्पाद कपड़े आदि वाली कंपनियां शामिल होती हैं।
इंटरनेशनल फंड्सएलआरएस के तहत भेजे जाने वाले धन पर टीसीएस की सीमा को 7 लाख से बढ़कर 10 लख रुपए किया गया है। इससे विदेश में फंड भेजने वाले निवेशकों के लिए शुरुआती टैक्स भोक्ष काम हो जाएगा। यह फंड पोर्टफोलियो में विविधता लाते हैं और मुद्रा में उतार-चढ़ाव के असर को काम करते हैं। रुपए में गिरावट के बीच में इंटरनेशनल फंड्स निवेशकों को वैश्विक बाजार के अवसरों को बनाने में मदद करते हैं।
फार्मा फंड्सबचत में 36 जीवन रक्षक दावों को मूल सीमा शुल्क से छूट दे दी गई है। इसके अलावा 6 जरूरी दवाओं को रियायती 5% आयात शुल्क के अंतर्गत लाने का फैसला किया गया है। इससे फार्मा कंपनियों की आय बढ़ेगी। ऐसे में फार्मा फंड्स का रिटर्न भी बढ़ाने की संभावना है।
टूरिज्म फंड्ससरकार राज्य सरकारों के साथ मिलकर देश के टॉप 50 टूरिज्म डेस्टिनेशन्स में सुविधाएं बढ़ाएगी। सरकार का फोकस आध्यात्मिक और मेडिकल टूरिज्म पर है। इनमें कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम से हाई क्वालिटी हॉस्पिटलिटी सर्विसेज मुहैया कराना और मार्केटिंग शामिल है। टूरिज्म और होटल सेक्टर को फायदा हो सकता है।