Battery EV will be made in the country लागत में आएगी कमी

Battery EV will be made in the country लागत में आएगी कमी

वित्त मंत्री सीतारमण ने लिथियम बैटरी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए टैक्स में छूट की घोषणा की है। ईवी बैटरी बनाने के लिए 35 कैपिटल गुडस और मोबाइल फोन बैटरी बनाने के लिए 28 वस्तुओं की ड्यूटी फ्री कर दी है। लिथियम आयन बैटरी और इसके स्क्रैप पर सीमा शुल्क को 5% से घटकर शून्य कर दिया है। कोबाल्ट पाउडर लीड स्क्रैप जिंक स्क्रैप पर भी कोई सीमा शुल्क नहीं लगेगा इससे कंपनियों जरूरी मशीनों और उपकरणों का आयात बिना अतिरिक्त टैक्स का कर सकेगी। इससे घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और इलेक्ट्रिक वाहनों की लागत में कमी आएगी। गोदावरी इलेक्ट्रिक मोटर के सीईओ और निर्देशक हैदर अली खान ने कहा बैटरी एव की लागत का लगभग 40% हिस्सा होती है। इस सेगमेंट में कोई भी लागत में कमी सीधे तौर पर ईवी को किफायती बनाएगी। फिलहाल भारत में 75% बैटरी का आयात होता है। सरकार के इस फैसले से इस आयत में कमी आने की उम्मीद है। इससे रोजगार के मौके भी बनेंगे। इंडस्ट्री एग्जीक्यूटिव के अनुसार देश में बैटरी बनने से सीधे असर तुरंत नहीं पड़ेगा लेकिन आगामी दो से तीन तिमाही में असर नजर आने लगेगा। यह लॉन्ग टर्म ग्रंथ के लिए प्रयास है। जैटो डायनेमिक्स के प्रेसिडेंट रवि भाटिया ने कहा, इस फैसले से बैटरी की लोकल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा और इनपुट काम होगा। पोर ईवी के मैनेजिंग डायरेक्टर वी फाउंड डॉक्टर निशांत डोंगरी के अनुसार टेक्नोलॉजी वह ऊर्जा पर भारत की आत्मनिर्भरता बढ़ेगी। अस्थाई मोबिलिटी के लिए मजबूत इकोसिस्टम बनेगा। 2024 में खरीदे वाहनों में से 50% से ज्यादा थ्री व्हीलर वाहन 5 फ़ीसदी 2 व्हीलर वाहन 2% कारें ईवी थी। टीवी बैटरी का बाजार 2023 में 1 लाख 45 हजार करोड़ था जो 2028 तक 2.35 लाख करोड़ तक पहुंच सकता है‌। भारत का ईवी में निवेश बढ़ रहा है। साल 2030 तक दुनिया का सबसे बड़ा एव मार्केट बनाने की राह पर है।

महंगी कर इंपोर्टेड बाइक पर कस्टम ड्यूटी घटी

35 लाख रुपए से अधिक मूल्य की कारें और यात्री वाहन स्टेशन वैगन व रेसिंग करें भी पर पहले 125% शुल्क था लेकिन इसे घटकर 110% कर दिया है। यूज्ड कारों पर 125% बेसिक कस्टम ड्यूटी और 12.5 प्रतिशत सोशल वेलफेयर सर्च चार्ज लागू किया गया है। इंपोर्टेड मोटरसाइकिल की अलग-अलग श्रेणियां पर बेसिक कस्टम ड्यूटी में 5% से 20% तक की कटौती की गई है। मालवाहक और यात्री वाहनों पर शुल्क को 40% से घटकर 20% कर दिया गया है। ऑटो पार्ट्स पर कस्टम ड्यूटी को 25% से घटकर 15% कर दिया गया है।

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