अब स्कूल कॉलेज में इस साल नई शिक्षा नीति के बड़े बदलाव होंगे कुछ विदेशी यूनिवर्सिटी भी भारत आएंगे जानिए एजुकेशन के लिए कैसा रहेगा यह साल।
एबीसी : क्रेडिट बैंक की मदद से शिक्षा में आएगा लचीलापननई शिक्षा नीति के आने से शिक्षा व्यवस्था में महत्वपूर्ण सुधार हो रहे हैं। 4 वर्षीय अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम की शुरुआत की गई है जिसमें एक से ज्यादा एग्जिट ऑप्शन है साथ ही इस साल एकेडमिक बैंक आफ क्रेडिट का 100 रोल आउट किया जाएगा। इससे अलग-अलग राजस्थानों सा संस्थानों के बीच छात्रों को अपने एजुकेशन क्रेडिट स्थानांतरण करने की सुविधा मिलेगी। इससे शिक्षा व्यवस्था में लचीलापन आएगा छात्रों को व्यक्तिगत रूप से शिक्षा की प्लानिंग करने की सुविधा मिलेगी दीक्षा और की ई- विद्या जैसे प्लेटफॉर्म्स की मदद से सरकारी स्कूल के छात्रों और शिक्षकों को डिजिटल उपकरण दिए जाएंगे।
स्किल डेवलपमेंट :देश के स्कूल खेल एकेडमी से जुड़ेंगे2025 -26 में स्कूल पाठ्यक्रम में खेलो के एकीकरण का नया दौर शुरू होगा। शारीरिक फिटनेस और नृत्य कौशल को बढ़ावा देने वाली पहलुओं को शिक्षा प्रणाली का अभिन्न हिस्सा बनाया जाएगा। स्कूल खेल एकेडमीओ के सहयोग से बच्चों को क्रेडिट फुटबॉल एथलेटिक्स जैसे खेलों में प्रशिक्षण देंगे। इससे भावी खिलाड़ी तैयार हो सकेंगे इसके साथ ही कक्षा 6 से 12 तक व्यावसायिक शिक्षा शुरू की जाएगी। इससे छात्रों को व्यावहारिक अनुभव कौशल और आर्थिक स्वतंत्रता मिल सकती है। जापान और ऑस्ट्रेलिया से प्रेरणा लेते हुए भारत को भी व्यावसायिक शिक्षा को मुख्य धारा में लाने से लाभ मिल सकता है। इससे भविष्य की वर्क कोर्स को तैयार करने में मदद मिलेगी।
ग्लोबल एजुकेशन :देश में होंगे एक लाख विदेशी छात्रभारतीय संस्थानों में अंतरराष्ट्रीय छात्रों का नामांकन बढ़ रहा है उच्च शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण के अनुसार 2022 तक 170 देश के 40,000 से अधिक विदेशी छात्र भारतीय विश्वविद्यालय में पढ़ रहे हैं। 2025 - 26 में यहां आंकड़ा 1 लाख पर कर जाएगा वहीं 2030 तक देश में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों की संख्या 2 लाख को पार कर सकती है। भारत में किफायती शिक्षा और गुणवत्ता किस ट्रेड को बढ़ा रही है भारतीय संस्थानों की आई और प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में प्रतिष्ठा भी बढ़ रही है इसके साथ ही साल 2024 में विदेशी संस्थानों में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों की संख्या 11 लाख को पार कर गई है।
बोर्ड इंटीग्रेशन : सीबीएसई सी से जुड़ेंगे राज्य शिक्षा बोर्डइस साल राज्य शिक्षा बोर्ड की सीबीएसई पाठ्यक्रम से जुड़ने की दिशा में खासी प्रगति देखने को मिलेगी। इस बदलाव से एक समान शैक्षिक ढांचा और तैयार होगा जो विभिन्न बोर्ड्स के छात्रों को समान रूप से परीक्षा की तैयारी में मदद करेगा। नीट जेईई और सीयूईटी जैसी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्रों को इससे मदद मिलेगी। क्योंकि यह परीक्षाएं सीबीएसई पाठ्यक्रम के आधार पर ही होती हैं। स्थानीय भाषाओं और हिंदी को आने वाले वर्षों में फिर से स्थान मिलने की संभावना है। इससे क्षेत्रीय पहचान को मजबूती मिलेगी और भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर वह भाषाई विरासत का महत्वपूर्ण बढ़ेगा।
उच्च शिक्षा में क्रांति : विदेशी यूनिवर्सिटी आएंगीयूके की साउथहैम्पटन यूनिवर्सिटी के दिल्ली कैंपस में इस साल पढ़ाई शुरू हो जाएगी इस साल अगस्त माह से यूनिवर्सिटी में प्रवेश शुरू हो जाएंगे यहां नई शिक्षा नीति के तहत देश में शिक्षा देने वाली पहली विदेशी यूनिवर्सिटी होगी वहीं ऑस्ट्रेलिया की वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी इस साल भारत में अपना कैंप शुरू कर सकती है। इसके लिए बेंगलुरु शहर को चुना है कि यूनिवर्सिटी का मुख्य फोकस एग्रीकल्चर के क्षेत्र पर होगा।
वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन2025 सेवेन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना शुरू होगी इससे देश के एक 1.8 करोड़ से ज्यादा छात्रों को अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के 13000 जनरल बिना किसी शुल्क के एक ही जगह मिल सकेंगे देश के 6400 संस्थानों के शोध छात्रों तक जनरल पहुंचेंगे।
सीयूईटी मैं आएंगे बदलावसीयूईटी ग में अब तक स्टूडेंट 63 विषयों लेकिन अब परीक्षा सिर्फ 37 विषयों के लिए ही होगी इस परीक्षा में सबसे बड़ा परिवर्तन या होगा कि स्टूडेंट्स ने किसी भी विषय से 12वीं पास की हो वे सीयूईटी में मनचाहे विषय की परीक्षा दे परीक्षा दे सकेंगे।